मिथिला तेरे कितने नाम (Various Names of MITHILA)

.....आईये ! इस अंक में मिथिला के विभिन्न नामों को जानें..............!  मिथिला भू-भाग को कई नामों से जाना जाता रहा है । 'महाविष्णुपुराण' में मिथिला के 12 (बारह) नामों का उल्लेख मिलता है ---- 

      मिथिला तैरभुक्तिश्च वैदेही नैमिकाननम् ।
      ज्ञानशीलं कृपापीठं स्वर्णलांगलपद्धति: ॥
      जानकीजन्मभूमिश्च निरपेक्षा विकल्पषा ।
      रामानंदकरी विश्वभावनी नित्य मंगला ॥

          उपर्युक्त पद में अंकित अधिकांश नाम मिथिला  के स्थानीय विशिष्टता पर आधारित है, और ये इसके आलंकारिक नाम हैं । इनमें से तीन नाम विशेष रूप से अधिक प्रसिद्ध रहे हैं------

  1. विदेह      2. मिथिला      3. तीरभुक्ति(तिरहुत)
  
............आईये, इन तीनों नामों की अंतर्कथा को जानें.......

1. विदेह ---.
                 मिथिला के सर्वप्राचीन व संस्थापक शासक 'विदेध' अथवा 'विदेह' के नाम पर इसका नाम 'विदेह' पड़ा ---- विदेहानां जनपदो विदेह: ।
   उस समय राजा के गोत्र-नाम पर जनपदों के नाम रखने की परंपरा थी । 'विदेह जनपद'  स्थापना के संदर्भ में जो इतिहास विश्रुत कथा है, वह इस प्रकार है -----
   सरस्वती नदी के तट से घुमंतु आर्य का एक दल सर्वप्रथम गंगा के उत्तर सदानीरा नदी के तट पर अपनी आर्य-संस्कृति का प्रसार करने हेतु पहुँचा, जिसका नेतृत्व कर रहे थे --  विदेध (विदेह) माथव । उस समय मिथिला की भूमि सघन-वन से आच्छादित और पूरी तरह दलदली  थी । उस दलदल में पतले-पतले पेड़ों के ऐसे सघनवन थे कि सूर्य की किरणें भी यहाँ धरती तक नहीं पहुँच पाती थी । इस स्थिति में स्वभाविकत: यहाँ मनुष्य का बास नहीं था । .....विदेह माथव ने अपने आचार्य गौतम राहुगण के मार्गदर्शन में अग्नि प्रज्वलित कर इस दलदली वन्यभूमि का संस्कार किया । जंगल में आग लगाए जाने से ये कई बर्षों तक धू-धू कर जलता रहा...। इस भीषण दावानल में वन के सभी पेड़ तो जले हीं,  धरती भी उच्च ताप के कारण दलदली से ठोस हो गयी...। ...और ये क्षेत्र मनुष्य के बसने योग्य हो गया ....विदेह माथव ने क्रमिक रूप से आर्यों को बसाना शुरू किया .....और इस प्रकार यहाँ विदेहराज की संस्थापना की नींव पड़ी......।...... अब अगले अंक में 'मिथिला' एवं 'तीरभुक्ति' (तिरहुत) नामों की अन्तर्कथा को जानेंगे.......... नमस्कार ।


                            ----डॉ. लक्ष्मी कुमार कर्ण

  







टिप्पणियाँ

  1. बहुत बढ़िया जानकारी सर, सिविल सेवा अभ्यर्थी हेतु अत्यावश्यक सामग्री।

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  2. Tathyo ko santulit abam sargarvit dhang SE prastut karane ka sarahaniya prayash....jai ho gurujee

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  3. बहुत ही सराहनीय प्रयास सर

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